Today Times Shimla — लगभग पचास हजार करोड़ के कर्ज तले चाहे हिमाचल सरकार दबी होए लेकिन सरकार अब लोकसभा चुनावों के लिए पटोल का तड़का लगाने को तैयार दिखती। शायद यही कारण है कि प्रदेश सरकार अब राज्य में पट्रोल के दामों पर राज्य सरकार द्वारा लगाया जाने वाला जीएसटी की दरों में कटौती कर सकती है। यदि ऐसा हुआ तो प्रदेश की अर्थ व्यवस्था तथा पट्रोल से मिलने वाले राजस्व को चाहे करोड़ों रूप्ए का चूना लगेए लेकिन लोकसभा चुनावों में भाजपा राजनीतिक लाभ उठाने से नहीं चूकना चाहती। इसबात के संकेत मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मंडी में दे भी दिए हैं कि सरकार पट्रोल के दाम घटाने के लिए कदम उठा सकती है। भाजपा सरकार को इसबात का अंदाजा भी है कि पट्रोल से होने वाली आय केन्द्रीय करों में सबसे अधिक हैए बावजूद इसके वोट की राजनीति सरकार पर हावी दिखती है।