पाकिस्तान आतंकवाद को पालता-पोसता है पाकिस्तान ऐसी हरकतों से बाज आये –ट्रंप
टूडे टाइम्स शिमला– अमेरिका ने एक बार फिर पाकिस्तान को चेतावनी दी है। इस बार लहजा और भी सख्त है। जबकि भारत को अपना महत्वपूर्ण रक्षा सहयोगी बताया है। भारत के लिए यह गहरे संतोष का पहलू है। इसे भारत सरकार की एक बड़ी कूटनीतिक सफलता भी माना जाएगा। इसके बावजूद ये प्रश्न कायम है कि क्या अमेरिका महज जुबानी चेतावनियों से आगे जाएगा? पाकिस्तान आतंकवाद को पालता-पोसता है और उसका अपने रणनीतिक मकसदों के लिए इस्तेमाल करता है, यह जगजाहिर तथ्य है। खुद अमेरिका ये बातें कहता रहा है। इसके बावजूद उसने पाकिस्तान के खिलाफ कोई ऐसी कार्रवाई नहीं की, जिससे पाकिस्तान ऐसी हरकतों से बाज आने को मजबूर होता। बेशक डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के बाद स्थितियां कुछ बदली हैं। ट्रंप के बारे में राय बनी है कि वे जो कहते हैं, उसे कर डालते हैं। इसीलिए चार माह पूर्व अपनी नई अफगानिस्तान नीति जारी करते समय जब ट्रंप ने पाकिस्तान को दो-टूक चेतावनी दी, तो उम्मीदें जगीं। लेकिन अब अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति जारी करते हुए उन्होंने लगभग वही बातें दोहराई हैं। उन्होंने कहा कि यदि पाकिस्तान चाहता है कि अमेरिका से उसकी दोस्ती कायम रहे, तो उसे आतंकवाद के खिलाफ सख्त कदम उठाने ही होंगे। इसके दो रोज पूर्व जमात-उद-दावा के दहशतगर्द हाफिज सईद के मामले में अमेरिका ने पाक को फटकार लगाई थी। राष्ट्रपति ट्रंप की प्रेस सचिव सारा हकाबी सैंडर्स ने कहा – ‘पाकिस्तान सईद पर कानूनी कार्रवाई नहीं करता, तो अमेरिका से उसके रिश्ते प्रभावित होंगे। तो क्या अब यह नहीं कहा जाना चाहिए कि बातें बहुत हो चुकीं? जरूरत यह है कि अमेरिका अब अपनी चेतावनी को व्यवहार में उतारे। खासकर इसे देखते हुए ये अपेक्षा और भी बढ़ जाती है कि उसने अपनी नई सुरक्षा रणनीति के दस्तावेज में भारत से अपने बेहतर होते रिश्तों का विस्तार से खास जिक्र किया है। इसमें कहा गया है- ‘हम अपने बड़े रक्षा सहयोगी भारत से अपना रक्षा व सुरक्षा सहयोग बढ़ाएंगे। साथ ही उस पूरे क्षेत्र में भारत के बढ़ते संबंधों का समर्थन करेंगे। तो बेशक अब वक्त है कि अमेरिका भारत की अपेक्षाओं के मुताबिक पाकिस्तान पर कार्रवाई करे। लेकिन जब तक वो ऐसा नहीं करता, भारत को अपने बूते पाकिस्तान पर नकेल कसनी होगी।